धन की देवी मां तारा - भव-सागर से तारने वाली देवी तारा

धन की देवी मां तारा - भव-सागर से तारने वाली देवी तारा

इस देवी की साधना से मिलता है ढेर सारा धन

लोग रोज सुबह-सवेरे उठते ही यही सोचते हैं कि काश ऐसा हो कोई चमत्कार हो जाए कि इस कामकाज के चक्कर से छुटकारा मिल जाए और साथ में ढेर सारा धन। देखा जाए तो हिंदू में इसका भी उपाय है। हिन्दू शास्त्रों में दर्ज ये उपाय हमें धन पाने में सहयोगी सिद्ध होते हैं।
 
आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी देवी के बारे में जिनका संबंध धन से है। ये हैं धन प्रदान करने वाली देवी जिन्हें मां तारा के नाम से जाना जाता है। मां तारा धन सम्बन्धी सभी समस्यों को दूर करती हैं, साथ ही वो मुक्ति को देने वाली भी हैं।
 
बौद्ध धर्म में मां तारा की अनेक प्रकार से उपासना की जाती है। एक मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध ने भी मां तारा की उपासना की और भगवान रामचंद्र जी के गुरु वशिष्ठ जी ने भी पूर्णता की प्राप्ति के लिए मां तारा की आराधना की थी। यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव और महापण्डित रावण भी उनकी शरण में गए थे। ऐसी मान्यता प्रसिद्ध है कि ‘जिन्हें भगवान शिव भी न तारे उन्हें मां तारा तार देती हैं”।
 
मां तारा की एक विशेष प्रकार की साधना है, जिसमें कोई विशेष नियम नहीं है, किंतु पूर्ण भक्ति से यदि किया जाए तो मां भक्त की पुकार अवश्य सुनती हैं। इस साधना से यहां आपकी धन सम्बन्धी सभी समस्याए दूर होंगी वहीं आपको दिव्य सिद्धियां भी प्राप्त होगी और धन की कभी कमी नहीं होगी।
 
भगवती तारा
भगवती तारा अत्यंत उज्ज्वल प्रकाश बिंदु रुप में, आकाश में दिखने वाले तारों के सामान संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त हैं। समस्त ब्रह्मांड में व्याप्त समस्त ज्ञान के रुप में देवी! नील सरस्वती शक्ति अवस्थित हैं, जो तारा समूह की एक अन्य देवी हैं। भव-सागर से तारने वाली, जगत जननी देवी तारा से सम्बद्ध शक्ति पीठ, तारापीठ के नाम से विख्यात हैं।
 
इस देवी की साधना से आपके जीवन का हर संकट दूर हो जाएगा। धन की कमी से लेकर घर-परिवार की भी सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा।
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